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Noida: फेलिक्स अस्पताल ने किया ‘मैनिफेस्ट योर वे टू सक्सेस’ वर्कशॉप का आयोजन, मेंटल हेल्थ पर लोगों को किया जागरूक

फेलिक्स हॉस्पिटल्स के चेयरमैन डॉ. डी.के. गुप्ता ने इस अवसर पर कहा कि आज की भागदौड़ और दबाव भरी जिंदगी में मानसिक स्वास्थ्य को मजबूत रखना सबसे बड़ी चुनौती बन चुका है.

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  • 3 August 2025,
  • (अपडेटेड 3 अगस्त 2025, 06:07 PM)

सेक्टर- 91 स्थित पंचशील बालक इंटर कॉलेज में रविवार 3 अगस्त को फेलिक्स हॉस्पिटल्स की ओर से मानसिक स्वास्थ्य को मजबूत करने और जीवन में सकारात्मक ऊर्जा के प्रसार के उद्देश्य से एक दिवसीय विशेष आध्यात्मिक वर्कशॉप “मैनिफेस्ट योर वे टू सक्सेस” का आयोजन किया गया. 

नोएडा विधायक और उत्तर प्रदेश भाजपा उपाध्यक्ष पंकज सिंह ने मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत की और प्रतिभागियों को अपने विचारों को सकारात्मक दिशा में मोड़ने के लिए प्रेरित किया. उन्होंने फेलिक्स हॉस्पिटल्स की इस पहल को बेहद सराहा. पंकज सिंह जी का मानना है कि इस तरह की वर्कशॉप से न सिर्फ मानसिक स्वास्थ्य बेहतर होता है, बल्कि जीवन में नई सोच और दृष्टिकोण भी विकसित होता है. 

नोएडा विधायक पंकज सिंह ने भी अपने उद्बोधन में कहा कि आज के दौर में मानसिक स्वास्थ्य के महत्व को समझना बेहद जरूरी है. उन्होने बताया कि आधुनिक जीवन की चुनौतियों के बीच भी प्राचीन ध्यान, साधना और सकारात्मक सोच के माध्यम से न सिर्फ मन की शांति पाई जा सकती है, बल्कि आत्मविश्वास और ऊर्जा से भरपूर जीवन की ओर भी बढ़ा जा सकता है. पंकज सिंह जी , फेलिक्स हॉस्पिटल्स और श्रेयांस डागा की टीम को इस सार्थक पहल के लिए बधाई दी और कहा कि समाज में मानसिक स्वास्थ्य को लेकर जागरूकता बढ़ाने की दिशा में यह वर्कशॉप मील का पत्थर साबित होगी. 

कार्यक्रम का संचालन और मुख्य मेंटरिंग पिरामिड वैली इंटरनेशनल के चेयरमैन एवं प्रसिद्ध आध्यात्मिक गुरु श्रेयांस डागा ने किया. जिन्होंने प्रतिभागियों को ध्यान, साधना और ब्रीदवर्क के माध्यम से आत्मशक्ति को पहचानने और जीवन में स्थायी सकारात्मक बदलाव लाने के प्रैक्टिकली उपाय बताए. 

फेलिक्स हॉस्पिटल्स के चेयरमैन डॉ. डी.के. गुप्ता ने इस अवसर पर कहा कि आज की भागदौड़ और दबाव भरी जिंदगी में मानसिक स्वास्थ्य को मजबूत रखना सबसे बड़ी चुनौती बन चुका है. उन्होंने बताया कि इस वर्कशॉप का उद्देश्य प्रतिभागियों को प्राचीन भारतीय ध्यान और साधना की पद्धतियों के माध्यम से मानसिक शांति और आंतरिक संतुलन प्राप्त करने की दिशा में जागरूक करना है. 

डॉ. डी.के. गुप्ता ने कहा कि आज के समय में जब हर कोई तेजी से आगे बढ़ने की होड़ में है. तब भीतर की शक्ति को पहचान कर ही जीवन में सच्ची सफलता और संतुलन पाया जा सकता है. वर्कशॉप का मुख्य उद्देश्य लोगों को इस बात के लिए प्रेरित करना है कि वे अपने भीतर की शक्ति को पहचानें. अपने विचारों को सकारात्मक बनाएं और जीवन के लक्ष्यों को स्पष्ट रूप से निर्धारित कर उन्हें हासिल करें. डॉ. डी.के. गुप्ता ने भविष्य में भी इस तरह की पहल जारी रखने का भरोसा दिलाया. जिससे समाज में मानसिक स्वास्थ्य, आत्मविश्वास और आत्मविकास के महत्व को लगातार आगे बढ़ाया जा सके.

मन को शांत रखने के बताए तरीके

श्रेयांस डागा ने प्रतिभागियों को बताया कि कैसे रोजाना ध्यान और श्वास-प्रश्वास की साधना से मन को शांत किया जा सकता है जिससे नींद की गुणवत्ता में सुधार होता है एकाग्रता बढ़ती है और मानसिक तनाव में कमी आती है. उन्होंने कहा कि सकारात्मक सोच न सिर्फ करियर, बल्कि पारिवारिक और सामाजिक रिश्तों में भी नई ऊर्जा भरती है. श्रेयांस डागा ने यह भी बताया कि वह अब तक 20 लाख से अधिक लोगों को ध्यान, ब्रीदवर्क और जागरूक जीवनशैली के जरिए आत्मशक्ति की राह पर अग्रसर कर चुके हैं. इस अवसर पर उन्होंने प्रतिभागियों को लाइफ मैनिफेस्टेशन की सरल तकनीकों से अवगत कराया. जिससे जीवन के लक्ष्यों को स्पष्ट किया जा सके और उन्हें पाने की दिशा में ठोस कदम बढ़ाए जा सकें. उन्होंने कहा कि हमारा मस्तिष्क वही बनाता है जो हम सोचते हैं, इसलिए सोच को सकारात्मक बनाकर जीवन को नई दिशा दी जा सकती है. 

10 मिनट का ध्यान भी हमारे दिन को ऊर्जावान और सकारात्मक बना सकता है: डॉ रश्मि

कार्यक्रम के समापन पर फेलिक्स हॉस्पिटल्स की मैनेजिंग डायरेक्टर डॉ. रश्मि गुप्ता ने सभी का आभार व्यक्त किया. उन्होंने कहा कि केवल 10 मिनट का ध्यान भी हमारे दिन को ऊर्जावान और सकारात्मक बना सकता है.

ध्यान न सिर्फ मानसिक शांति देता है, बल्कि हमें अपने अंदर की शक्ति से जुड़ने का अवसर भी देता है.

प्रतिभागियों ने जमकर पूछे सवाल

कार्यक्रम में शामिल प्रतिभागियों को आध्यात्मिक गुरु से सीधा संवाद करने का भी अवसर मिला. इस दौरान कई लोगों ने व्यक्तिगत जीवन से जुड़े सवाल पूछे, जिनका श्रेयांस डागा ने सटीक और सहज भाषा में उत्तर देकर समाधान सुझाया. प्रतिभागियों ने कहा वर्कशॉप से उन्हें न सिर्फ आत्मविश्वास बढ़ाने में मदद मिली.

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